खुली जो हों जुल्फें तुम्हारी तो मैं हवा बन जाऊं
तुम्हारे लबों को छूकर एक हंसी खता बन जाऊं
यूं तो तुम्हारी मुहब्बत का मरीज़- ए- इश्क़ हूं मैं
पर ख्वाहिश है तुम्हारे हर मर्ज की दवा बन जाऊं
@Rahul Darak
खुली जो हों जुल्फें तुम्हारी तो मैं हवा बन जाऊं
तुम्हारे लबों को छूकर एक हंसी खता बन जाऊं
यूं तो तुम्हारी मुहब्बत का मरीज़- ए- इश्क़ हूं मैं
पर ख्वाहिश है तुम्हारे हर मर्ज की दवा बन जाऊं
@Rahul Darak