उन आंखों के सदके पे सारी रैन कुर्बान
महज़ हमारी नींद क्या, सारा चैन कुर्बान
वो लब जब हमारी छुअन में सुर्ख हो सिसकते हैं
तब हमारे सितारों से खुद सितारें भी किलसते है
हुस्न नवाब, इश्क़ शबाब और वो चेहरा आफताब
खुद खुदा भी है उसकी इक झलक के लिए बेताब
महज़ इक हसीं से कर दे मेरे तमाम घाव खुश्क
ज़माने की नज़र में दाग, पर दुआ से पाक है उसका इश्क़
Atisundar💙