अरमान हमारे भी बड़े हैं
जिंदगी से जंग हम भी लड़े हैं
वक्त ना बेवक्त ही सही
समझ तो आया
फलसफा जिंदगी का
कि जिंदगी इतनी आसान नहीं
खैर छोड़िए
यूँ तो आसान जिंदगी हम जीते नहीं
जाम दूसरों का छीन कर हम पीते नहीं
अरे ! हम भी रखते हैं हौसला ऊंची उड़ान का
यूँ घुट-घुट कर हम जीते नहीं
कुछ नहीं रखा यू उदासी में
शुक्र मनाओ खुदा की बंदगी का
यही फलसफा है जिंदगी का
Bhut Badiya Guru Ji …
Bhut hi utkrisht (shandaar) poem ha Sir Ji….
Superb…
व्यक्ति को जिंदगी में सदैव अपना लक्ष्य बड़ा रखना चाहिएआप अति सुंदर लिखते हो ईश्वर आपको बहुत अच्छे लेख लिखने के लिए प्रेरित करता रहे
Very very nice poem bro
आप सभी को धन्यवाद….
आपका आशीर्वाद सदैव बना रहे…🙏🏻🙏🏻
Ky poiem likhi h bhout sundar
Nice one
Bhot Achi baat samjahi poem k maadhyam SE sir well done..!!
Bhut bhut dhnyawaad
Super hit
Outstanding
Thanks
Same thinking & good work
A1 sir ji…
Nice poem
Nice guruji…
..
.Kya bat h guru ji
Nice thinking
Nice