तेरा हसना भी वाजिब है,
तेरा रोना भी वाजिब है,
वाजिब है तेरी मुस्कान,
तेरा गुस्सा भी वाजिब है।
तेरी आंखें भी प्यारी है,
प्यारी है तेरी बातें,
तेरी हर चीज़ प्यारी है,
प्यारी है तेरी राते।।
तू जो हाथ भी रख दे
मुसीबत गमजदा होवे,
तू जो पास में बैठें
तो तन्हाई भी घबराए।।
मेरा रोना तेरा रोना,
मेरा हसना तेरा पाकी है,
सब कहते हैं कि महबूबा
अरे ये बाते तो मेरी मां की है।।