छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं

बचपन उधार रखके, चार पैसे कमाता हूं, छोट…
बचपन उधार रखके, चार पैसे कमाता हूं, छोट…
*मैं अभी हारा नहीं और तू अभी जीता नही* …
कभी भर देती है झोली में खुशियां कभी कर …
हक़ की आवाज़ यहां हर रात तेरी हर दिन तेरा…
जब कलम मैं उठाता हूँ कोरे कागज़ पर कलम …