छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं

बचपन उधार रखके, चार पैसे कमाता हूं, छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं । सुबह उठता हूं तो, स्कूल नहीं काम पे जाता हूं । छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं । तैयार करती…

*मैं अभी हारा नहीं और तू अभी जीता नही*

*मैं अभी हारा नहीं और तू अभी जीता नही* तू तंज़ सी ज़ुबां लिए उस ज़ख्म को कुरेदता अंजाम से मेहरूफ तू ,आमाल से अनजान था जो ना दिखा वो नाम था आंख को जला रहा था साथ मेरी जीत…

ए ज़िन्दगी तेरा हिसाब गड़बड़ है

कभी भर देती है झोली में खुशियां कभी कर देती हो बेरंग सी दुनिया कही मिलता नहीं पल भर का भी गम कही लगता नहीं सुकून से बिल्कुल भी मन होती रहती जिंदगी में कैसी भगदड़ है जिंदगी तेरा हिसाब…

हक़ की आवाज़

हक़ की आवाज़ यहां हर रात तेरी हर दिन तेरा है ये ज़मींं तेरी ये चमन भी तेरा है फिर क्यों खिलने को तू दे अर्ज़ियाँ क्यों तेरे हक़ पर ग़ालिब उसकी मर्ज़ियां ये चौक तेरा ये बाज़ार तेरा है…

जब कलम मैं उठाता हूँ ।।

जब कलम मैं उठाता हूँ कोरे कागज़ पर कलम पकड़े मेरे हाथों की परछाई, न कुछ बोलती है न कुछ करती है सुबह से शाम, शाम से रात ढल जाती है जब कलम मैं उठाता हूँ विरान कोरी राह में…