एक हफ्ते की मोहब्बत वालों के लिए
अंदाज ए बयां और बयां ए एहसास कमजोर है थोड़ा फिर भी कर देता हूं बयां थोड़ा!
झुका दे मुझे कोई शख्स
पैदा नहीं हुआ ऐसा शख्स
धूल है कदमों की मेरे सारी यह दुनिया
पर झुकता हूं मां सिर्फ तेरे कदमों के यहा!
मर्तबा है तेरा यह तुझसे कोई छीन नहीं सकता और तेरी दुआ के बिन मैं जी नहीं सकता!
मौसम है इश्क का एक बात मेरी भी सुन….
मां का इश्क माशूक के इश्क से बेहतर होता क्योंकि
इसमें कोई जरूरत का कारोबार नहीं होता!
एकह की तेरी मोहब्बत का एक ही अंजाम
जैसे की बदतर है एक तवायफ का पैगाम!
#RouxWrites
#Dipsh01

Masha Allah jiyo Bhai 100 saal