#कुछ कहना है तुमसे
ना जाने कौन सी स्याही से ज़िन्दगी लिखी है खुदा ने।
कोरे पन्ने की किताब को बार बार पढ़ा है मैंने।।
यह उंगलियां बड़ी शान से उठ जाती है सब पर।
कमाने से पहले ही बहुत खर्च किया है मैंने।।
ओकात भूल जाते है लोग जब खुदा ऊँचा रुतबा देता है लोगो को।
दो वक़्त की रोटी के फाके में भी खुदा का शुक्र अदा किया है मैंने।।
पुराने सामान में पुराने इश्क़ की कुछ यादें निकल आयी ।
बड़ी मुश्किल से जिन्हें दिल के कब्रिस्तान में दफ्न किया है मैंने।।
©Boywhowritesimply