रिश्तों को जरा सम्भाल लिया करो

रिश्तों को जरा सम्भाल लिया करो…

कभी तुम भी आगे चल के मना लिया करो…
माना गलती नहीं किसी की पर…
कभी हमारा मन इतना बेचेन क्यों हैं? पूछ कर जरा हमें सम्भाल लिया करो…
तुम दोस्त हो हमारे , जरा सी दोस्ती निभा लिया करो..
तुम प्यार के लिए नहीं झुकते, पर यार के लिए क़भी तो रुक जाया करो…
तुम जानते हो हमें,हम कह नहीं सकते पर…
तुम तोह कभी इशारों में बयां कर दिया करो…

बिखर सी जाती हूं इन दिनों…
तुम बस सुई-धागा लेके ….वापस पिरो दिया करो…

बस कुछ युहीं थोड़ा ख्याल रख लिया करो…

About The Author(s)

Share Your Voice

35 Comments

  1. बहोत ही शानदार poetry इसको जीतने सराहना की जाए उतनी कम है…. keep it up ❤️❤️

  2. बहोत ही शानदार poetry इसको जीतने सराहना की जाए उतनी कम है

  3. कहते कहते ज़िन्दगी बीत गयी हमारी,
    ज़रा हमारी बातों पर भी,
    तनिक गौर फ़रमा लिया करो!!

  4. Superrrbbbb lines.. heart touch.. juberdast… mast mast.. kalam ki klakari koi aapse sikhe.. adbhudd.. hr sbd me ahehas.. jo dil chu jaye.. 👌👌👌👌👌

  5. Wow sister बहुत ही अच्छा लिखा है उमीद करता हु आप aagi bi अच्छा लिखेगी 😊😊

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *