माँ के चरणों का वन्दन हो,
धरा पर सर्वदा सत्कार हो !
मन्दिर, मस्जिद हो ना हों,
पर दुआओं में माँ का प्यार हो !!
माँ का निश्छल स्नेह पाकर के,
हर इंसां प्रसन्न अपार हो !
माँ के चरणों में में स्वयं स्वर्ग है,
‘गर दिल में माँ का सत्कार हो ।।
माँ के चरणों का वन्दन हो,
धरा पर सर्वदा सत्कार हो !
मन्दिर, मस्जिद हो ना हों,
पर दुआओं में माँ का प्यार हो !!
माँ का निश्छल स्नेह पाकर के,
हर इंसां प्रसन्न अपार हो !
माँ के चरणों में में स्वयं स्वर्ग है,
‘गर दिल में माँ का सत्कार हो ।।