जो गलती मैंने की उसे अपना समझ कर,
कैसे भूल जाऊँ उसे, एक दास्ताँ समझ कर,
गौर से ना देखो मुझे, मैं वो नामुराााद दिल हूँ,
जिसे उसने रौंद दिया, एक बेजुबां समझ कर।
जो गलती मैंने की उसे अपना समझ कर,
कैसे भूल जाऊँ उसे, एक दास्ताँ समझ कर,
गौर से ना देखो मुझे, मैं वो नामुराााद दिल हूँ,
जिसे उसने रौंद दिया, एक बेजुबां समझ कर।