छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं
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बचपन उधार रखके, चार पैसे कमाता हूं, छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं । सुबह उठता हूं तो, स्कूल नहीं काम पे जाता हूं । छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं । तैयार करती…
बचपन उधार रखके, चार पैसे कमाता हूं, छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं । सुबह उठता हूं तो, स्कूल नहीं काम पे जाता हूं । छोटू है नाम मेरा, घर का बड़ा हूं मैं । तैयार करती…
*मैं अभी हारा नहीं और तू अभी जीता नही* तू तंज़ सी ज़ुबां लिए उस ज़ख्म को कुरेदता अंजाम से मेहरूफ तू ,आमाल से अनजान था जो ना दिखा वो नाम था आंख को जला रहा था साथ मेरी जीत…
कभी भर देती है झोली में खुशियां कभी कर देती हो बेरंग सी दुनिया कही मिलता नहीं पल भर का भी गम कही लगता नहीं सुकून से बिल्कुल भी मन होती रहती जिंदगी में कैसी भगदड़ है जिंदगी तेरा हिसाब…
उन आंखों के सदके पे सारी रैन कुर्बान महज़ हमारी नींद क्या, सारा चैन कुर्बान वो लब जब हमारी छुअन में सुर्ख हो सिसकते हैं तब हमारे सितारों से खुद सितारें भी किलसते है हुस्न नवाब, इश्क़ शबाब और वो…
सब्त हैं बदन पर नक़श ए बेवफाई वह कै़द-ए-शहर-ए-इंसाँँ से मांगता रिहाई मोहब्बत रिफाक़त इनसानियत ये क्या हैं इंसान ने इंसान से है नफरत कमाई एक बेनाम भूखी भीड़, एक मासूम निवाला किसने ये सड़क पर मौत की नुमाइश है…
हक़ की आवाज़ यहां हर रात तेरी हर दिन तेरा है ये ज़मींं तेरी ये चमन भी तेरा है फिर क्यों खिलने को तू दे अर्ज़ियाँ क्यों तेरे हक़ पर ग़ालिब उसकी मर्ज़ियां ये चौक तेरा ये बाज़ार तेरा है…
जब कलम मैं उठाता हूँ कोरे कागज़ पर कलम पकड़े मेरे हाथों की परछाई, न कुछ बोलती है न कुछ करती है सुबह से शाम, शाम से रात ढल जाती है जब कलम मैं उठाता हूँ विरान कोरी राह में…