रिश्तों की कदर
“रिश्ता वह गुलशन हैं, जिसकी वक्त पर हिफ़ाज़त न कि जाये, तो इसका इत्लाफ़ होना तय है।। “
“रिश्ता वह गुलशन हैं, जिसकी वक्त पर हिफ़ाज़त न कि जाये, तो इसका इत्लाफ़ होना तय है।। “
अधूरा इश्क और अधुरी ख्वाहिशें छोड़कर जा रहा हूं, ऐ ज़िंदगी मैं, तुझ से रूठ कर अब कहीं दूर जा रहा हूं..
खुली जो हों जुल्फें तुम्हारी तो मैं हवा बन जाऊं तुम्हारे लबों को छूकर एक हंसी खता बन जाऊं यूं तो तुम्हारी मुहब्बत का मरीज़- ए- इश्क़ हूं मैं पर ख्वाहिश है तुम्हारे हर मर्ज की दवा बन जाऊं @Rahul…
गम ना कर जिन्दंगी बहुत बड़ी है चाहत की महफि़ल तेरे लिये सजी है बस एक बार मुस्कुरा के तो देख तकदीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है
जो गलती मैंने की उसे अपना समझ कर, कैसे भूल जाऊँ उसे, एक दास्ताँ समझ कर, गौर से ना देखो मुझे, मैं वो नामुराााद दिल हूँ, जिसे उसने रौंद दिया, एक बेजुबां समझ कर।
Tum haste rho jalne wale jalte rhenge Hum has kyu rhe hai yeh soch soch ke Wo paheliyon mein ulajhte rhenge…
आज कल दिल की बात मुझसे कर जाती है, कुछ बातें हैं जो माँ सिर्फ मुझसे ही कर पाती है, कुछ तो बात है जो वो बिना कहे चली गई, शायद यही कारण है कि वो मेरे सपने मे आती…
ऐ मौत आये तो दबे पाव आना मेरा मीत मुझे जाने नहीं देगा।
वेसे तो चाहते नही कुछ खुदा से लेकिन जब भी उठते है ये हाथ दुआ में जुबां पर तेरा नाम आता है जहाँ भी रहे,जैसा भी रहे,जिस हाल में रहे बस तू मेरा रहे गर चोट कही लगे तुझे तो…
Mano Neele aasman me ek nayi chehak uthi hai.. Tere dil ki dor mere dil se bandhi hai.. Teri mohbbat ki to mujhe is kadar lat lagi hai.. Meri zindagi to jese teri rooh se hi judi hai..