तकदीर
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गम ना कर जिन्दंगी बहुत बड़ी है चाहत की महफि़ल तेरे लिये सजी है बस एक बार मुस्कुरा के तो देख तकदीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है
गम ना कर जिन्दंगी बहुत बड़ी है चाहत की महफि़ल तेरे लिये सजी है बस एक बार मुस्कुरा के तो देख तकदीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है
रोज तुमको जब जब देखता हूं, तब तब अपने सारे ग़म भूल जाता हूं, तुम्हारी प्यारी आँखे जब जब देखता हूँ, तब तब इन्हें देख मदहोश हो जाता हूं, तुम्हारे लबों को जब जब देखता हूँ, तब तब मोहब्बत की…
वो चला गया दूर तुमसे, काश की तुमने रोका होता। वो खामोश था जाने क्यों, काश की तुमने टोका होता। वो रोता रहा पर एक भी लफ़्ज़ नही कही उसने, बड़ा मजबूर था वो शख्स, काश की तुमने सोचा होता।…
जागते हैं और ख़्वाब ढूँढते हैं गुल-ए-गुलिस्ताँ में गुलाब ढूँढते हैं इश्क़ का ढाई अक्षर हो लिखा जहाँ, हम आजकल वो किताब ढूँढते हैं सहरा, के रेत ही रेत अब चारों ओर, सुकूँ-ए-दिल के लिए शराब ढूँढते हैं चिराग, हिज्र…
#कुछ कहना है तुमसे ना जाने कौन सी स्याही से ज़िन्दगी लिखी है खुदा ने। कोरे पन्ने की किताब को बार बार पढ़ा है मैंने।। यह उंगलियां बड़ी शान से उठ जाती है सब पर। कमाने से पहले ही बहुत…
रिश्तों को जरा सम्भाल लिया करो… कभी तुम भी आगे चल के मना लिया करो… माना गलती नहीं किसी की पर… कभी हमारा मन इतना बेचेन क्यों हैं? पूछ कर जरा हमें सम्भाल लिया करो… तुम दोस्त हो हमारे ,…
जो गलती मैंने की उसे अपना समझ कर, कैसे भूल जाऊँ उसे, एक दास्ताँ समझ कर, गौर से ना देखो मुझे, मैं वो नामुराााद दिल हूँ, जिसे उसने रौंद दिया, एक बेजुबां समझ कर।
ये कैसा दौर चल रहा है, हर तऱफ बस धुंआ है मिट रही है इंसानियत सब में, खत्म हो रहा ये जहां है। कोरोना ने ये खेल कैसा खेला झेल रहा है देश ये मेरा क्या मिट जायेगी…
एक सुखी- समृद्ध देश में ये कौनसी आफत आई है, लगता है अब तबाही की,शुरुआत हो आई है।। लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में, जाति- धर्म – भेदभाव की ये किसने पहचान करवाई है। लगता है अब तबाही की,शुरुआत हो आई है।।-2…
Tum haste rho jalne wale jalte rhenge Hum has kyu rhe hai yeh soch soch ke Wo paheliyon mein ulajhte rhenge…